Works of Ramendra Prasad Tiger

Jun
21

अस्तित्व

तु वो दिया है जिससे रोशन पुरी कायनात है, तुम्हारे अस्तित्व के बिना झुठी ही ये सारी जमात है। अबला […]

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Jun
18

स्त्री है क्या

एक औरत के अनेकों रूप होते है। हर रूप में उसे हम नए अवतार मे देखते हैं, और हर अवतार […]

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Jun
17

आत्मविश्वास

शिक्षिका ने वर्ग में आते ही सभी से गृहकार्य सुनाने को कहा, तो सभी बच्चे तैयार थे। तभी उन्होंने शर्त […]

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Jun
16

जिम्मेदारी

प्रिया अभी 10 साल की बच्ची हैं, लेकिन उसकी सोच उससे कही बड़ी हैं। एक दिन वह अपने माँ के […]

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Jun
16

दर्द

खवाबों की कोई सीमाऐं नहीं होती, ऐसा ही एक हसीन सपना देखा था तुमको पाने की। पर क्या पता था, […]

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Jun
14

मनमोहनी

मेरे सीने मे जो सांसे चलती है, उसकी रफ्तार है तु। माँ के बाद पहली बार जिसे चाहा है, वही […]

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