प्रिया अभी 10 साल की बच्ची हैं, लेकिन उसकी सोच उससे कही बड़ी हैं।
एक दिन वह अपने माँ के साथ ट्रेन से जा रही होती हैं, वहाँ देखती है कि कुछ लोग मुँगफली खाकर छिलके ट्रेन मे ही फेंक रहे है, और सीट पर जुते सहित पैर रखे हैं।
वह उनके पैर के नीचे अपनी चुन्नी रख देती हैं, तथा छिलके उठाने लगती हैं। यह देख सभी अपनी गलती का एहसास कर अपने फेंके हुए चीजों को उठाने लगते हैं।
प्रिया कहती है- हमें अपने घर की तरह ही हर जगह को अपनी जिम्मेदारी समझ स्वच्छ रखना चाहिए।